पत्रकार वार्तात्नकांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर लगाए आरोप, कहा- पीएम जाति आधारित गणना का समर्थन करते हैं या विरोधपीएम जाति आधारित गणना का समर्थन करते हैं या विरोध

Apr 27, 2024 - 12:43
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पत्रकार वार्तात्नकांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर लगाए आरोप, कहा- पीएम जाति आधारित गणना का समर्थन करते हैं या विरोधपीएम जाति आधारित गणना का समर्थन करते हैं या विरोध

अनमोल संदेश, भोपाल

अखिल भारतीय कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को भोपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा नेताओं पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमारे 46 पृष्ठ और 15 हजार 329 शब्दों के न्याय पत्र में मुस्लिम लीग की छाप नजर आती है, जबकि इसमें मुस्लिम शब्द ही नहीं है। एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण समाप्त करने की बात करते हैं पर ये जानते ही नहीं कि बिना संसद के यह संभव ही नहीं है। जाति आधारित गणना का सदन में समर्थन करते हैं और सभाओं में विरोध जताते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता के सामने खुलकर बोलें कि वे जाति आधारित गणना का समर्थन करके हैं या विरोध। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपने 10 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जनता के बीच रखने के स्थान पर हमारे घोषणा पत्र पर बात कर रहा। यह घोषणा पत्र, जिसे हमने न्याय पत्र कहा है उसमें देश, युवा, किसान, महिला, गरीब की छाप नजर आती है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि कांग्रेस आएगी तो मंगलसूत्र छीन लेगी। उन्हें महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। हमारे यहां कहते हैं कि डोली आती है अर्थी जाती है। मंगलसूत्र दाम्पत्य सूत्र के सम्मान का प्रतीक है। 

पित्रोदा के अपने निजी विचार, हमारे न्याय पत्र में ऐसा कुछ नहीं 

प्रधानमंत्री देश को जाति और धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं पर हमारा देश संविधान से चलता है और उसे बदलने के प्रयास को जनता कभी सफल नहीं होने देगी। विरासत टैक्स विवाद पर उन्होंने कि हम कह चुके हैं कि ये सैम पित्रोदा के अपने विचार हैं। हमारे न्याय पत्र में ऐसा कुछ नहीं है।

एक्सरे से तो पता चलेगा कहां क्या समस्या...

उन्होंने कहा कि एक्सरे से ही तो पता चलेगा कि समस्या क्या है। डॉक्टर भी तो यही करता है। हमने यह कहां कहा कि आगे क्या करें तो फिर इतना हल्ला क्यों हैं। यह इसलिए मचाया जा रहा है क्योंकि ये दो भारत चाहते हैं एक जहां डेढ़ हजार करोड़ रुपए की शादी और दूसरा वह जिसकी प्रतिदिन की कमाई ही 46 रुपए हो। देश में 80 करोड़ रुपए लोगों को पांच किलोग्राम निश्शुल्क राशन देने को उपलब्धि बताने वाली सरकार यह क्यों नहीं बताती कि इस हालात में उन्हें किसने और क्यों पहुंचा दिया।

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